हमें अक्सर तमाम न्यूज़ चैनेलो , अखबारों में देखने/ पढ़ने को मिल जाता है, की अब देश में मोदी की लहर चल रही है l कुछ नेतागण इसे स्वीकराते है, कुछ इसे " Wave" नहीं "Effect " बताते है l
आखिर क्या है खास मोदी में जो बाकी नेताओं में नहीं है, क्या है खास मोदी में जो लोगो में लहर बन कर दौड़ रहा है l
इस बारे में ज्यादा कुछ तो नहीं कह सकता , हा लेकिन अभी तक जो देखा, पढ़ा , समझा उससे अभी तक यही समझ पाया हूँ की , भाषण से बनाता है लहर और इफ़ेक्ट , रवीश की रिपोर्ट पढ़कर जो कुछ आकलन कर सका वो भी लिख रहा हु l
अगर आप राहुल गाँधी जी के भाषण को, ध्यान से सुने तो ऐसा लगता है की वह वोट नहीं मांग रहे है ,बल्कि अपनी पार्टियों में जो कमियां है उसे कैसे ठीक करेंगे ये बता रहे हो , और बाकी समय में सरकार की उपलब्धिया गिना रहे होते है l
राहुल गांधी के भाषण के दौरान जब कैमरा वहाँ बैठे लोगों पर पड़ता है तो उनके चेहरों पर थकान नज़र आती है l इसका कारण बहुत ही सीधा और स्पष्ट है , वह लगातार एक ही फ्रीक्वेंसी में बोलते है l और उनके भाषण को देख ऐसा लगता है जैसे वो अपने विरोधियों के भाषण , टिप्पड़ियों को ध्यान से नहीं सुनते या अनसुना कर देते है l
इसके ठीक विपरीत नरेन्द्र मोदी वो सीधे सामने बैठे जनता के आँखों में आँखे डालकर बोलते है फिर चाहे वो गलत ही क्यों न हो l नरेन्द्र मोदी के भाषण में शायद वो सब कुछ रहता है जिसे देखने सुनने इतनी भीड़ इकठ्ठा होती हैl उनके भाषण में मनोरंजन , और उनका नाटकीय अंदाज़ ही बहुत HIT है l कुछ हद तक मोदी जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज की शैली को भी फॉलो करते है l वो भी अपने भाषण के दौरान कई बार आवाज ऊंची -नींची करते , थोडा रुकते और फिर उसी लयमे बोलना शुरु कर देते है , कभी माइक के बहुत पास आ जाते तो कभी काफी दूर से दहाड़ते है l
मोदी हर दिन नए विचार के साथ के साथ मैदान में उतरते है ,अपना लम्बा चौड़ा स्पीच देकर तमाम आकडे गिनवाते है , पता नहीं उसमे कितने सही और कितने गलत होते है l मुझे लगता है को वो जानबूझ कर ऐसी गलती करते है , ताकि वो हर जगह चर्चा में बने रहे , इलेक्ट्रिक मीडिया और social मीडिया दोनों में l
मोदी अपनी सभी रैलियों में खुद को ऐसा पेश करते है की वो जीत चुके है बस शपथ लेनी बाकी है l जीवन में बढ़ना है तो सिखाना भी ज़रूरी है l
मेरा ये कहने का कतई मतलब नहीं है की मैं मोदी का समर्थक हूँ l
आखिर क्या है खास मोदी में जो बाकी नेताओं में नहीं है, क्या है खास मोदी में जो लोगो में लहर बन कर दौड़ रहा है l
इस बारे में ज्यादा कुछ तो नहीं कह सकता , हा लेकिन अभी तक जो देखा, पढ़ा , समझा उससे अभी तक यही समझ पाया हूँ की , भाषण से बनाता है लहर और इफ़ेक्ट , रवीश की रिपोर्ट पढ़कर जो कुछ आकलन कर सका वो भी लिख रहा हु l
अगर आप राहुल गाँधी जी के भाषण को, ध्यान से सुने तो ऐसा लगता है की वह वोट नहीं मांग रहे है ,बल्कि अपनी पार्टियों में जो कमियां है उसे कैसे ठीक करेंगे ये बता रहे हो , और बाकी समय में सरकार की उपलब्धिया गिना रहे होते है l
राहुल गांधी के भाषण के दौरान जब कैमरा वहाँ बैठे लोगों पर पड़ता है तो उनके चेहरों पर थकान नज़र आती है l इसका कारण बहुत ही सीधा और स्पष्ट है , वह लगातार एक ही फ्रीक्वेंसी में बोलते है l और उनके भाषण को देख ऐसा लगता है जैसे वो अपने विरोधियों के भाषण , टिप्पड़ियों को ध्यान से नहीं सुनते या अनसुना कर देते है l
इसके ठीक विपरीत नरेन्द्र मोदी वो सीधे सामने बैठे जनता के आँखों में आँखे डालकर बोलते है फिर चाहे वो गलत ही क्यों न हो l नरेन्द्र मोदी के भाषण में शायद वो सब कुछ रहता है जिसे देखने सुनने इतनी भीड़ इकठ्ठा होती हैl उनके भाषण में मनोरंजन , और उनका नाटकीय अंदाज़ ही बहुत HIT है l कुछ हद तक मोदी जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज की शैली को भी फॉलो करते है l वो भी अपने भाषण के दौरान कई बार आवाज ऊंची -नींची करते , थोडा रुकते और फिर उसी लयमे बोलना शुरु कर देते है , कभी माइक के बहुत पास आ जाते तो कभी काफी दूर से दहाड़ते है l
मोदी हर दिन नए विचार के साथ के साथ मैदान में उतरते है ,अपना लम्बा चौड़ा स्पीच देकर तमाम आकडे गिनवाते है , पता नहीं उसमे कितने सही और कितने गलत होते है l मुझे लगता है को वो जानबूझ कर ऐसी गलती करते है , ताकि वो हर जगह चर्चा में बने रहे , इलेक्ट्रिक मीडिया और social मीडिया दोनों में l
मोदी अपनी सभी रैलियों में खुद को ऐसा पेश करते है की वो जीत चुके है बस शपथ लेनी बाकी है l जीवन में बढ़ना है तो सिखाना भी ज़रूरी है l
मेरा ये कहने का कतई मतलब नहीं है की मैं मोदी का समर्थक हूँ l