शनिवार, 4 जनवरी 2014

कही वे अपने साथ कोई बीमारी लेकर न आवें...

राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश  में जिस तरह से एक नयी राजनीती कि बिगुल फूंकने  ने कि कोशिश "आम आदमी पार्टी" ने किया है। या फिर यूँ कहे की जिस प्रकार वे सीधे जनता जुड़े रहकर इतनी बढ़ी सफलता प्राप्त की है,  जिसकी शायद उन्होने कल्पना भी न की    होगी।   वाकई वे काबिले तारीफ है।  अब देश के  मुख्यधरा की अन्य राजनितिक पार्टियां भी " AAP " से सीख ले रहे है। फिर वो चाहे शुरुआत महाराष्ट्र से  हो या फिर राजस्थान से इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

अब जिस तरह से " AAP " को दिल्ली कि सत्ता में लाया गया वह अपने आप में कई सवाल खड़े  करता है।
तमाम तरह के आरोपों  व ढेर सारी आलोचनाओं के बाद भी "AAP " ने सरकार बनाया। और अब "AAP " कि
मन्सा लोकसभा चुनाव में भी कूदने कि है, जिसके  लिए इन्हें बहुत सारे नए नेताओं/ पार्टी मेम्बरों की आवश्यकता है। जिस गति से AAP उभरी है उसे देख कर देश की कई नामी हस्तियाँ इसे ज्वाइन भी कर रहे है। और मुझे ऐसा लगता है की पार्टी में आगे और भी बड़े दिग्गज शामिल होंगे।  पिछले कुछ दिनों में ही AAP  से कई अच्छी हस्तियाँ जुडी है।

AAP में नए मेम्बरों का जुड़ना जितना लाभकारी है, उतना ही उसके लिए आगे चलकर  खतरनाक साबित हो सकता है। क्योकि लोकसभा चुनाव में चुनाव की दृष्टि से बहुत ही कम समाय बचा है, इतने कम समय में पार्टी अपने नए मेम्बरों की "भ्रष्टाचार" नामक "छन्नी " से छानना बहुत कठिन है, जिससे उनके बारे में वह सब कुछ पता लगाया जा सके जिसकी बदौलत आज "आम आदमी पार्टी " राजधानी में सरकार बनाने के साथ पुरे देश में लोकप्रिय हुई है। और हमारा भारतीय मीडिया इसे "आम " से बहुत "खास " पार्टी में बदलने में सफल रहा।

अब AAP को यह बहुत ज्यादा ध्यान रखने की कोशिश करनी चाहिये की जो नए सदस्य पार्टी में सदस्यता ले रहे है, वे अपने साथ कोई बीमारी लेकर न आवें, पार्टी को कोई ऐसा तंत्र बनाना  चाहिए जो नए मेम्बरों की फुल स्कैनिंग कर यह सुनाश्चित करे की उनमे कोई बिमारी तो नहीं है।  यदि पार्टी ऐसा करने में असफल रही तो वह दिन दूर नहीं जब "आम आदमी पार्टी " का नाम देश का हर आम आदमी  देश की अन्य पार्टियों की तरह लेगा।